राजस्थान की न्यायिक राजधानी जोधपुर में पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. इस बीच कानून और शांति व्यवस्था संभालने वाली पुलिस ने 1 वर्ष में ही 550 से अधिक घर-परिवारों को टूटने से बचाया है. बहरहाल, महिला पुलिस थाना पश्चिम की थानाधिकारी के इस नवाचार से अब तक कई परिवार टूटने से बचे हैं, तो कई बच्चे अपने माता पिता से बिछड़ने से भी बचे हैं.
कई बार देखा गया है कि आपसी गलतफहमी की वजह से पति-पत्नी के झगड़ा हो जाता है, तो आजकल सोशल मीडिया भी आपसी झगड़े और तनाव का एक बड़ा कारण भी बना रहा है. वहीं, पति-पत्नी के बीच बनी दीवार को पाटने का काम महिला पुलिस थाना पश्चिम की टीम कर रही है. इस वर्ष अब तक 750 परिवाद महिला पश्चिम थाने तक पहुंचे हैं. इसमें से 550 मामले पुलिस ने काउंसलर की मदद से सुलझाए हैं.
यह कहना है इनका
महिला पुलिस थाना पश्चिम की थानाधिकारी किरण गोदारा का कहना है कि उच्च अधिकारियों के निर्देशन में लगातार नवाचार किए जा रहे हैं. साथ ही हम अपनी टीम के साथ महिला सलाह सुरक्षा केन्द्र के काउंसलर्स को अपने साथ लेकर जो प्रयास कर रहे हैं, उसका असर दिख रहा है. तीन साल में आए तमाम मामलों में से 80 प्रतिशत में घर बसा दिए गए हैं. खास बात तो यह है कि इस वर्ष थाने में 750 परिवाद सामने आए जिसमें में से 550 मामलों को सुलझाया गया है. साथ ही कहा, ‘ जिन मामलों में लगा कि पीड़िता सच में परेशान है और परिवार बसने का कोई चांस नहीं है, वैसे 242 मुकदमे दर्ज किए गए हैं.’
किरण गोदारा के मुताबिक, 100 प्रतिशत कोशिश यही की जाती है कि मामला परिवाद लेवल पर ही निपट जाए, ताकि किसी का घर नहीं टूटे. हम 80 प्रतिशत मामले थाने में ही सुलझा रहे हैं. बस 20 प्रतिशत लोगों को न्यायालय का रुख करना पड़ रहा है.
परिवार देते हैं आशीर्वाद
महिला सुरक्षा सलाह केन्द्र से जुडी रेखा शर्मा का कहना है कि एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर से लेकर घर में मारपीट के मामले सामने आते हैं, तब उनके परिवार को हम बुलाते हैं और कोशिश करते हैं कि चार से पांच बार काउंसलिंग कर उनका घर बस जाए. इस दौरान एफआईआर दर्ज करने के बजाए उनको समझाते हैं. हम दोनों पक्षों की बात भी सुनते भी हैं और इसके बाद उनका घर फिर से बस जाता है, तो बहुत खुशी होती है. वहींं, परिवार हमें आशीर्वाद देते हैं
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